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Great Motivational Story In Hindi 2024 : धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का

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धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का

Motivational Story In Hindi धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का : नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर आज हम आपके लिए लाए है बेहतरीन हिन्दी मुहावरे से सिख देने वाली कहानी हमे उम्मीद है कि आपको यह कहानी बहुत ही पसंद आएगी।

Motivational Story In Hindi
धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का

बहुत समय पहले की यह कहानी है एक बार कक्षा 5 की हिंदी शिक्षिका अपने विद्यार्थीओ को हिंदी मुहावरे सिखा रही थी। तभी बच्चो की पढ़ाई एक मुहावरे पर आ पहुँची “धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का ”, इसका अर्थ बहुत समझने के बाद भी किसी भी छात्र को समझ में नहीं आ रहा था।

Motivational Story In Hindi धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का

छात्र को समझ नही आ रहा था यह देखने के बाद अपने छात्र को और अच्छी तरह से समझाने के लिए शिक्षिका ने अपने छात्र को एक Motivational Story In Hindi कहानी के रूप में उदाहरण देना थोड़ा और उचित समझा। और उन्होंने अपने छात्र को कहानी कहना शुरू किया।

कहानी : कई साल पहले विजयनगर नामक गांव में राजू नाम का चतुर लड़का रहता था, वह एक बहुत ही बेहतरीन क्रिकेटर था। देखा जाए तो वह इतना अच्छा खिलाड़ी था कि उसमे भारतीय क्रिकेट टीम में होने की क्षमता थी।

वह क्रिकेट तो खेलता पर दोस्तो उसे दूसरो के कामों में दखल अन्दाजी करना बहुत पसंद ही था। यह देखकर उसकी मम्मी ने उसे समझाने का बहुत प्रयत्न किया की यह आदत उसे जीवन में आगे जा कर कितनी भारी पड़ सकती है पर वह नहीं समझा। उसका मन दृढ़ और साहसी नहीं था जो दूसरे लोग करते थे वह वही करता था।

राजू का मन बहुत चंचल था और ऐसा होने के कारण वह क्रिकेट के अभ्यास के लिए पूरा समय नहीं निकाल था। इसके अलावा दूसरे दोस्तों के साथ अन्य अलग-अलग प्रकार के खेल खेलने चला जाता था। बजाय क्रिकेट के जभी उससे क्रिकेट का अभ्यास होता था तभी उसके दूसरे दोस्तों को अलग खेलो का अभ्यास में रहता था।

दोस्तो ऐसा करते करते समय बीतता गया ओर उसका अपने काम के बजाय दूसरो लोग जो काम करते थे उसमे दखल अन्दाजी करने की आदत ज्यादा हो गयी। Motivational Story In Hindi

बहुत समय तक ऐसा चलता रहा और राजू के यह हरकते आगे बहुत ही भारी पड़ी, इसके कुछ ही दिनों के बाद राजू के नगर में यह ऐलान किया गया की नगर में सभी खेलों के लिए एक बड़ा आयोजन होगा और जिसमे जो भी चुना जाएगा उसे अपने भारत के राष्ट्रीय टीम में खेलने को मिल सकता है।

नगर के सभी यह सुनकर बहुत ही खुश खुशाल हुए, सभी के पास केवल दो दिन ही थे। ओर वहीं दिन से सभी अपने मनपसंद खेल में चुनने के लिए जी-जान से मेहनत करने लगे, राजू ने भी अपना अभ्यास शुरू किया।

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पर दोस्तो पिछले कुछ दिनों से अपने खेल के प्रति कम रुचि और अभ्यास में जाने की बजाय राजू दूसरो के खेल के अभ्यास में जाने की वजह से राजुने अपने शानदार फॉर्म खो दिया था। Motivational Story In Hind

आखिरकार खूब कोशिश की पर अभ्यास की कमी के कारण वह अपना शानदार प्रदर्शन नहीं दिखा पाया और उसका चयन क्रिकेट टीम में नहीं हुआ, वह दूसरे खेलों में भी चयन न हुआ क्योंकि वह सब खेल उसे सिर्फ थोड़ा आते थे ओर किसी भी खेल में वह माहिर नहीं था।

उसके बाकी सभी दूसरे दोस्त थे उनका कोई न कोई खेल में चयन हो गया क्योंकि वे दिन रात मेहनत करते थे। और राजू का जिसके कारण वह कोई भी खेल में चयन नहीं हुआ और अंत में राजू को अपने सिर पर हाथ रखकर बैठना पड़ा और वह “धोबी के कुत्ते की तरह बन गया जो न घर का होता है न घाट का।”

इसी तरह इस कहानी के माध्यम से सभी बच्चों को इस मुहावरे का मतलब पता चल गया। शिक्षिका को अपने छात्रों को एक ही सन्देश पहुँचाना था कि व़े जीवन में जो कुछ भी करे सिर्फ उसी में ध्यान दे और दूसरो से विचिलित न हो वरना वह धोबी के कुत्ते की तरह बन जाएगे जो न घर का न घाट का होता है।

दोस्तों आशा करता हूं कि आपको Motivational Story In Hindi धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का कहानी पोस्ट से बहुत कुछ सीखने को मिला होगा अगर आप भी चाहते ही को आपका कोई दोस्त या घर परिवार में यह पोस्ट शेयर करने लायक है तो आप जरूर शेयर करे धन्यवाद।

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